प्रकृति में एक खास रुद्राक्ष मिलता है जिन्हें
देखने पर लगता है कि दो रुद्राक्ष आपस में जुड़े हुए हैं। इस तरह के
रुद्राक्ष को गौरी शंकर रुद्राक्ष कहा जाता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि गौरी शंकर रुद्राक्ष साक्षात शिव और पार्वती का स्वरुप होता है। शिवरात्रि अथवा किसी भी शुभ दिन इसकी पूजा करके धारण करें तो विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है।
जिनके वैवाहिक जीवन में मतभेद बना रहता है उनके लिए भी यह आपसी प्रेम बढ़ाने वाला रुद्राक्ष माना गया है।
शास्त्रों में बताया गया है कि गौरी शंकर रुद्राक्ष साक्षात शिव और पार्वती का स्वरुप होता है। शिवरात्रि अथवा किसी भी शुभ दिन इसकी पूजा करके धारण करें तो विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है।
जिनके वैवाहिक जीवन में मतभेद बना रहता है उनके लिए भी यह आपसी प्रेम बढ़ाने वाला रुद्राक्ष माना गया है।
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