Thursday 27 March 2014
Thursday 13 March 2014
पारदर्शी पत्थर
स्फटिक हिमालय की खानों से निकला हुआ कांच के समान चमकदार व पारदर्शी पत्थर है . यह हीरे का उपरत्न होता है . जिसको धारण करने से धन , पुत्र ,मान सम्मान एवं वशीकरण व सुख शांति की प्राप्ति होती है तथा यह रति क्रिया को भी प्रबल करता है , यह अनेक गुणों से भरपूर होता है. स्फटिक की माला से किया हुआ जप तथा स्फटिक का शिवलिंग अति शुभ एवं कार्य सिद्धि वाला कहलाता है
हर माँ-बाप का सपना अपने बच्चों के लिए सुनहरा होता है. लेकिन बहुत से कारणों के फलस्वरूप ऐसे कई सपने रोज चकनाचूर होते है , लेकिन कहा गया है कि समस्या है तो समाधान भी है आपलोगों के इसी समस्याओं को दूर करने हेतु विशेष मंत्रो द्वारा शुभ मूहूर्त में मुख्यरूप से उनलोगों के लिए तैयार किया गया है जो लोग अपने जीवन में कुछ प्राप्त करना चाहते है .
दोस्तों एक बात का ध्यान रखे की यह यंत्र धारण करते समय अपना विचार और आचरण शुद्ध रखेंगे तो तो इसका प्रभाव जल्दी दिखेगा .
शनि रक्षा यंत्र
श्रद्धापूर्वक शनि रक्षा यंत्र को धारण कर प्रतिदिन शनि स्त्रोत या ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करें।
मृत्यु, कर्ज, मुकद्दमा, हानि, क्षति, पैर आदि की हड्डी तथा सभी प्रकार के रोग से परेशान लोगों के लिए शनि रक्षा यंत्र बहुत फायदेमंद होती है। नौकरी पेशा लोगों को उन्नति भी शनि द्वारा ही मिलती है अत: यह यंत्र बहुत उपयोगी है।
मृत्यु, कर्ज, मुकद्दमा, हानि, क्षति, पैर आदि की हड्डी तथा सभी प्रकार के रोग से परेशान लोगों के लिए शनि रक्षा यंत्र बहुत फायदेमंद होती है। नौकरी पेशा लोगों को उन्नति भी शनि द्वारा ही मिलती है अत: यह यंत्र बहुत उपयोगी है।
यंत्र
दोस्तों आज के युग में हर व्यक्ति चाहता है की
वह उच्च शिक्षा प्राप्त करे, अपने कार क्षेत्र में आगे बढ़े, उसकी बुद्धि
तीव्र और प्रखर हो, इसके लिए वह दिन रात मेहनत भी करता है लेकिन कई बार
तमाम प्रयासों के बावजूद भी उसे मनोवांक्षित फलो की प्राप्ति
नहीं हो पाती है. इस सरस्वती यंत्र के नित्य दर्शन ध्यान से, व्यक्ति का
मन पढाई में पूरी तरह से लगता है, ध्यान भटकता नहीं है मन में एकाग्रता का
भाव उत्तपन्न होने से कोई भी चीज जल्दी याद होती है , स्मरण शक्ति का विकास
होता है. यह यंत्र विद्यार्थी ,वकील,डॉक्टर,अध्यापक,चार्टेड
एकाउंट,सॉफ्टवेयर एकाउंट और किसी भी तरह के लिखने वालो के लिए विशेष
लाभकारी है
गीता-उपदेश
"सर्वभूतस्थितं यो मां भजत्येकत्वमास्थितः।
सर्वथा वर्तमानोsपि स योगी मयि वर्तते ।।"
(गीता---6.31)
अन्वयः---यः एकत्वम् आस्थितः सर्वभूतस्थितम् माम् भजति सः योगी सर्वथा वर्तमानः अपि मयि वर्तते।।
अर्थः---प्राणि-मात्र को सुख-दुःख का अनुभव एक-सा होता है। इस एकता को जानकर जो मुझे प्राणी-मात्र की सेवा में उपस्थित समझकर मेरा भजन करता है अर्थात् मेरी अनुकरण रूप सच्ची सेवा करता है, वह योगी किसी अवस्था में भी क्यों न हो, वह मुझ पर आश्रित है, क्योंकि अनुकरण हू भक्ति का सच्चा चिह्न है।
सर्वथा वर्तमानोsपि स योगी मयि वर्तते ।।"
(गीता---6.31)
अन्वयः---यः एकत्वम् आस्थितः सर्वभूतस्थितम् माम् भजति सः योगी सर्वथा वर्तमानः अपि मयि वर्तते।।
अर्थः---प्राणि-मात्र को सुख-दुःख का अनुभव एक-सा होता है। इस एकता को जानकर जो मुझे प्राणी-मात्र की सेवा में उपस्थित समझकर मेरा भजन करता है अर्थात् मेरी अनुकरण रूप सच्ची सेवा करता है, वह योगी किसी अवस्था में भी क्यों न हो, वह मुझ पर आश्रित है, क्योंकि अनुकरण हू भक्ति का सच्चा चिह्न है।
रुद्राक्ष
प्रकृति में एक खास रुद्राक्ष मिलता है जिन्हें
देखने पर लगता है कि दो रुद्राक्ष आपस में जुड़े हुए हैं। इस तरह के
रुद्राक्ष को गौरी शंकर रुद्राक्ष कहा जाता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि गौरी शंकर रुद्राक्ष साक्षात शिव और पार्वती का स्वरुप होता है। शिवरात्रि अथवा किसी भी शुभ दिन इसकी पूजा करके धारण करें तो विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है।
जिनके वैवाहिक जीवन में मतभेद बना रहता है उनके लिए भी यह आपसी प्रेम बढ़ाने वाला रुद्राक्ष माना गया है।
शास्त्रों में बताया गया है कि गौरी शंकर रुद्राक्ष साक्षात शिव और पार्वती का स्वरुप होता है। शिवरात्रि अथवा किसी भी शुभ दिन इसकी पूजा करके धारण करें तो विवाह में आने वाली बाधा दूर होती है।
जिनके वैवाहिक जीवन में मतभेद बना रहता है उनके लिए भी यह आपसी प्रेम बढ़ाने वाला रुद्राक्ष माना गया है।
सर्व बाधा नाशक धूप
यदि आपको लगता है कि आपके घर की सुख शान्ति को किसी की नजर लग गयी है या किसी ने तंत्र मन्त्र कर दिया हो, घर में कोई किसी का नहीं सुनता, यदि कोई सही भी बात बोले तो उसका बुरा मान कर सुबह से शाम तक लड़ाई झगड़े शुरू हो जाते है, तो आप इन सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए 'सर्व बाधा नाशक धूप' का एक बार प्रयोग अवस्य करें
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